मित्रों में यहा पर उत्तराखंड के राजकीय चिन्हों के बारे में आप को बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ की ये आपके लिए उपयोगी साबित हो ...
1 - राज्य चिन्ह

2 - राज्य - पुष्प - ब्रह्मकमल
मध्य हिमालयी क्षेत्र में 3600 से 4500 मीटर की उचाई पर पाए जाने वाले ब्रह्मकमल को राजकीय पुष्प घोषित किया गया है , यह ऐसेटेरसी कुल का पौधा है उत्तराखंड में इसके 24 प्रजाति पायी जाती है स्थानीय भाषा में इसे कौंलपदम कहते है
महाभारत के वनपर्व में इसे सौगंधिक पुष्प कहा गया है इसमें जुलाई से सितम्बर के मध्य में फूल खिलते है इस पुष्प का रंग बैगनी रंग का होता है
3 - राज्य - वृक्ष - बुरांस
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औषधीय गुणों से युक्त बुरांश का फूलों का जूस ह्रदय रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है इसके फूलों से रंग भी बनया जाता है बुरांश के अवैध कटान के कारण वन अधिनियम 1974 में इसे संरक्षित वृक्ष घोषित किया है लिकिन इसके बाद भी बुरांश वृक्ष का संरक्षण नहीं हो पा रहा है /
4 - राज्य - पशु - कस्तूरी हिरण
उत्तराखंड सरकार ने सदैव बर्फ से ढके हिमशिखरों पर पायें जाने वाले कस्तूरी हिरण को राज्य पशु घोषित किया है /
इसे हिमालयन मस्क डियर के नाम से जाना जाता है

इसके एक पैर में चार खुर होते है इसकी सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है /
आत्मरक्षा के लिए इनमे सींग के बजाय दो बड़े - बड़े दंत होते है जो बाहर की ओर निकले होते है इनकी औसत आयु 20 वर्ष होती है मादा हिरण की गर्भधारण
की अवधि 6 माह होती है एक बार में एक हिरण का जन्म होता है /
कस्तूरी सिर्फ नर हिरण के नाभि में होता है कस्तूरी द्रव के रूप में होता है जो एक बार में 30 से 45 ग्राम तक पाया जाता है / कस्तूरी से कई प्रकार की औषधीयां बनाई जाती है / 1982 में चमोली जिले के कंचुला खर्क में एक कस्तूरी हिरण प्रजनन एवम संरक्षण केंद्र की स्थापना की गई है /
5 - राज्य - पक्षी - मोनाल

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