Saturday, 12 July 2014

उत्तराखंड एक परिचय ...

                         


उत्तराखण्ड  (पूर्व नाम उत्तराञ्चल),  उत्तर  भारत  में  स्थित  एक  राज्य  है  जिसका  निर्माण  9  नवम्बर  2000 को  कई  वर्षों  के  आन्दोलन  के  पश्चात   भारत गणराज्य  के  सत्ताइसवें  राज्य  के  रूप  में  किया  गया  था। 
सन  2000  से  2006  तक  यह  उत्तराञ्चल  के  नाम  से  जाना  जाता  था।  जनवरी  2007  में  स्थानीय  लोगों की  भावनाओं  को  ध्यान  में  रखते  हुए  राज्य  का  आधिकारिक  नाम  बदलकर  उत्तराखण्ड  कर  दिया गया।  राज्य  की  सीमाएँ  उत्तर  में  तिब्बत  और  पूर्व  में  नेपाल  से  लगी  हैं।  पश्चिम  में  हिमाचल  प्रदेश  और दक्षिण  में  उत्तर  प्रदेश  इसकी  सीमा  से  लगे  राज्य  हैं। 
 सन  2000  में  अपने  गठन  से  पूर्व  यह  उत्तर  प्रदेश का  एक  भाग  था।  पारम्परिक  हिन्दू  ग्रन्थों  और  प्राचीन  साहित्य  में  इस  क्षेत्र  का  उल्लेख  उत्तराखण्ड  के रूप  में  किया  गया  है।  हिन्दी  और  संस्कृत  में  उत्तराखण्ड  का  अर्थ  उत्तरी  क्षेत्र  या  भाग  होता  है।  राज्य में  हिन्दू  धर्म  की  पवित्रतम  और  भारत  की  सबसे  बड़ी  नदियों  गंगा  और  यमुना  के  उद्गम  स्थल क्रमशः  गंगोत्री  और  यमुनोत्री  तथा  इनके  तटों  पर  बसे  वैदिक  संस्कृति  के  कई  महत्त्वपूर्ण  तीर्थ  स्थान  हैं।

देहरादून,  उत्तराखण्ड  की  अन्तरिम  राजधानी  होने  के  साथ  इस  राज्य  का  सबसे  बड़ा  नगर  है।  गैरसैण नामक  एक  छोटे  से  कस्बे  को  इसकी  भौगोलिक  स्थिति  को  देखते  हुए  भविष्य  की  राजधानी  के  रूप  में प्रस्तावित  किया  गया  है  किन्तु  विवादों  और  संसाधनों  के  अभाव  के  चलते  अभी  भी  देहरादून  अस्थाई राजधानी  बना  हुआ  है।  राज्य  का  उच्च  न्यायालय  नैनीताल  में  है।

राज्य  सरकार  ने  हाल  ही  में  हस्तशिल्प  और  हथकरघा  उद्योगों  को  बढ़ावा  देने  के  लिये  कुछ  पहल  की हैं।  साथ  ही  बढ़ते  पर्यटन  व्यापार  तथा  उच्च  तकनीकी  वाले  उद्योगों  को  प्रोत्साहन  देने  के  लिए आकर्षक  कर  योजनायें  प्रस्तुत  की  हैं।  राज्य  में  कुछ  विवादास्पद  किन्तु  वृहत  बाँध  पयोजनाएँ  भी  हैं जिनकी  पूरे  देश  में  कई  बार  आलोचनाएँ  भी  की  जाती   रही  हैं,  जिनमें  विशेष  है   भागीरथी - भीलांगना नदियों  पर  बनी  टिहरी  बाँध  परियोजना।  इस  परियोजना  की  कल्पना  1973  मे  की  गई  थी  और  यह अन्ततः  2007  में  बनकर  तैयार  हुआ।  उत्तराखण्ड,  चिपको  आन्दोलन  के  जन्मस्थान  के  नाम  से  भी जाना  जाता  है।

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